भारत में इस समय tiddi dal का अटैक एक बहुत बड़ी समस्या बन गई हैं टिड्डियां ईरान होते हुए पाकिस्तान के रास्ते से भारत पहुंच चुकी है। फिलहाल राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में फैल चुकी है। इन राज्यों में टिड्डियों द्वारा फसलों को भारी नुकसान करते हुए देखा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि टिड्डियों द्वारा होने वाले फसलों पर भारी नुकसान के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है। राज्य सरकारों ने इन राज्यों पर हाई अलर्ट घोषित किया है। लोग शोर मचा कर और बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाने की कोशिश की जा रही है। यह टिड्डी जिस रास्ते से गुजरती है उस रास्ते की हर हरी-भरी फसल, पेड़, पौधे सब को नुकसान पहुंचाते हुए जाती है। आखिर टट्टी क्या है और क्यों इतनी खतरनाक क्यों हो जाती है। आइए जानते हैं टिड्डियों के बारे।
टिड्डी क्या है? Tiddi kya hai? What is locust in hindi (tiddi)?
टिड्डी घास में पाए जाने वाला प्रजाति का कीड़ा है। बायोलॉजी की भाषा में यह Acrididae फैमिली का कीड़ा है। इसे अंग्रेजी में locust कहते हैं। मूलता यह शांत स्वभाव के कीड़े होते हैं मगर कुछ परिस्थिति में यह बहुत सारे हो जाते हैं और अपना स्वभाव ही बदल देते हैं। टिड्डी का आकार दो से ढाई इंच का होता है। इन का जीवनकाल 5 महीने का होता है।
टिड्डी कहां पैदा होते हैं?
टिड्डी रेगिस्तान में अंडे देती हैं। रेगिस्तान में बारिश के बाद टिड्डियां पैदा होती है। मादा टिड्डी लगभग 3 बार अंडे दे सकती है और एक बार में 100 से 150 अंडे देती है। 1 मीटर वर्ग में लगभग 1000 अंडे हो सकता है। अंडे फूटने के बाद सारे टिड्डियां नमी वाले क्षेत्र में भोजन की तलाश में निकल पड़ती हैं फिर यहीं से शुरू होता है फसलों की बर्बादी।
टिड्डी क्यों खुंखार हो जाते हैं?
Tiddi dal जब समूह में होता है तो उनका व्यवहार बदल जाता है। 1 घंटे में 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय कर लेते हैं। 1 किलोमीटर के टिड्डी दल में लगभग 4 करोड़ टिड्डियां होते हैं जो एक दिन में लगभग 35000 लोगों का खाना खा लेता है। इतनी भारी मात्रा में अनाज, पेड़, पौधों को नुकसान होना एक तबाही के बराबर है।
टिड्डियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए Directorate General of Civil Aviation ने warning जारी किया कि हवाई जहाज के उड़ान भरते और उतरते वक्त बहुत बड़ी खतरे के रूप में टिड्डियां पेश आ सकती हैं।